Hyderabad Nizam Mir Osman Ali Khan was first billionaire of independent India net worth more than 17 lakh crore – News18 हिंदी

हाइलाइट्स

निजाम की कुल संपत्ति 1947 में अमेरिका की कुल जीडीपी की 2 फीसदी के बराबर बैठती थी.
निजाम के पास 185 कैरेट का जैकब डायमंड था जिसे वे पेपरवेट के रूप में उपयोग करते थे.
अभी कई और विदेशी बैंकों में भी निजाम का पैसा फंसा हुआ है, जिसके कई दावेदार हैं.

नई दिल्‍ली. भारत में आज कितने धनकुबेर हैं, उनके बारे में तो आपको शायद पता हो. लेकिन, क्‍या आप आजाद भारत के पहले अरबपति (India’s First Billionaire) के बारे में जानते हैं? शायद नहीं. तो चलिए हम आपको बताते हैं. स्‍वतंत्र भारत का पहला अरबपति होने का खिताब हैदराबाद के निजाम मीर ओसमान अली खान (Nizam Mir Osman Ali Khan) के पास था. टाइम पत्रिका ने अपने 22 फ़रवरी, 1937 के अंक में उन्हें अपने मुखपृष्ठ पर छापते हुए शीर्षक दिया था ”दुनिया का सबसे अमीर व्यक्ति.” आजादी के बाद हैदराबाद रियासत का भारत में विलय हो गया. लेकिन, तब भी ओसमान अली के पास अथाह दौलत थी. विदेशी बैंक खातों में उनके अरबों रुपये जमा थे. आज भी इंग्‍लैंड के एक बैंक में निजाम के 3 अरब से ज्‍यादा रुपये जमा हैं.

अमीरी के साथ ही उनकी कंजूसी के चर्चे भी खूब होते हैं. वो बहुत साधारण कपड़े पहनते थे. काफी मैले-कुचेले रहते थे. उनके बेडरूम की साल में केवल एक बार सफाई होती थी. मेहमानों को खाना खिलाने में भी वो बहुत कंजूसी करते थे. उनसे मिलने आने वाले मेहमानों को एक कप चाय के साथ बस एक ही बिस्किट परोसा जाता था. दीवान जर्मनी दास ने भी अपनी मशहूर किताब ‘महाराजा’ में लिखा है, “निज़ाम को उनके जानने वाले अमरीकी, ब्रिटिश या तुर्क़ सिगरेट पीने के लिए ऑफ़र करते थे, तो वो एक के बजाए सिगरेट के पैकेट से चार-पाँच सिगरेट निकाल कर अपने सिगरेट केस में रख लिया करते थे. वो सस्ती चारमिनार सिगरेट पीया करते थे जिसके पैकेट की कीमत उस जमाने में 12 पैसे हुआ करती थी.”

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इतनी थी नेट वर्थ
साल 1911 में ओसमान अली खान हैदराबाद के निजाम बने थे. देश जब आजाद हुआ और हैदराबाद को भारत में मिला लिया गया तब तक वे इस पद पर रहे. निजाम की कुल नेट वर्थ 230 बिलियन डॉलर यानी 17.47 लाख करोड़ (Nizam Mir Osman Ali Khan Net worth) मानी जाती है. निजाम की कुल संपत्ति 1947 में अमेरिका की कुल जीडीपी की 2 फीसदी के बराबर बैठती थी. निजाम की अपनी करेंसी और एयरलाइन थी. उनके पास 100 मिलियन पाउंड का सोना, 400 मिलियन पाउंड के जवाहरात थे. क्वीन एलिजाबेथ-2 की शादी में निजाम ने उन्‍हें 300 हीरे जड़ा एक नेकलेस उपहार में दिया था.

हीरे की खदान आय का बड़ा जरिया
निजाम की आमदनी का सबसे बड़ा जरिया गोलकोंडा माइंस थी. उस समय यह खदान दुनिया में हीरा सप्लाई का एकमात्र जरिया थी. निजाम के पास जैकब डायमंड था जो उस समय दुनिया के सात सबसे महंगे हीरों में गिना जाता था. नींबू के आकार के इस हीरे का प्रयोग अक्‍सर निजाम पेपरवेट के रूप में करते थे. हैदराबाद रियासत का कुल क्षेत्रफल 80,000 वर्ग किलोमीटर से अधिक था. यह इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के कुल इलाक़े से भी ज़्यादा है. उन्‍हें टैक्‍स आदि के रूप में भी खूब पैसा मिलता था.

आज भी बैंकों में जमा है अरबों रुपये
निजाम मीर ओसमान अली खान ने विदेशी बैंकों में अपना खूब पैसा जमा किया था. इंग्‍लैंड के एक बैंक में उनके 35 मिलियन पाउंड यानी 3 अरब से ज्‍यादा रुपये जमा हैं. इस रकम पर पाकिस्तान और भारत दोनों दावेदारी का केस लड़ रहे हैं और निजाम के खानदान से जुड़े 400 लोगों ने भी दावा ठोक रखा है. कहा जाता है कि इसके अलावा भी कई और विदेशी बैंकों में निजाम का पैसा फंसा हुआ है.

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