वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश चंद्र झा का निधन : धनबाद न्यायिक और सामाजिक क्षेत्र को भारी क्षति

धनबाद के वरिष्ठ अधिवक्ता और समाजसेवी सतीश चंद्र झा का बीती रात निधन हो गया। वे पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। रविवार की रात उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन से न केवल न्यायिक क्षेत्र, बल्कि सामाजिक क्षेत्र में भी गहरा शोक व्याप्त है। वे लगभग 82 वर्ष के थे। उनका अंतिम संस्कार सोमवार को भागलपुर के बरारी घाट पर संपन्न होगा। परिवार के सभी सदस्य और परिचित अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए रवाना हो चुके हैं।

पचास वर्षों तक न्याय के लिए किया संघर्ष

सतीश चंद्र झा ने धनबाद व्यवहार न्यायालय में लगभग पचास वर्षों तक अधिवक्ता के रूप में अपनी सेवाएं दीं। उनके करियर को न्यायप्रियता, निष्पक्षता और ईमानदारी की मिसाल माना जाता है। वकालत के पेशे में उनकी पहचान एक गंभीर, दक्ष और न्याय के प्रति समर्पित अधिवक्ता के रूप में रही। कई महत्वपूर्ण मामलों में उन्होंने पक्षकारों को न्याय दिलाया और समाज के वंचित वर्गों की पैरवी भी निस्वार्थ भाव से की।

मूल रूप से बिहार के कटिहार जिले से थे

दिवंगत झा मूल रूप से बिहार के कटिहार जिले के नौगछिया पुलिस जिला अंतर्गत कटरिया ग्राम के निवासी थे। हालांकि, जीवन का अधिकांश समय उन्होंने धनबाद में बिताया। उनका परिवार धनबाद में लंबे समय से प्रतिष्ठित और सक्रिय रहा। उनके बड़े भाई कार्तिक चंद्र झा, धनसार स्थित लक्ष्मी नारायण विद्या मंदिर के पूर्व प्राचार्य और प्रसिद्ध शिक्षाविद रहे हैं।

परिवार में शिक्षाविद और अधिवक्ता

सतीश चंद्र झा अपने पीछे एक भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं। उनके ज्येष्ठ पुत्र शांडिल्य अमरेश कुमार भी धनबाद व्यवहार न्यायालय में अधिवक्ता हैं और पिता के पदचिह्नों पर चलकर न्यायिक सेवा में लगे हैं। वहीं उनके कनिष्ठ पुत्र शांडिल्य आलोक कुमार एक प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान एवं अस्पताल का संचालन करते हैं। उनके परिवार को धनबाद में समाजसेवा, शिक्षा और न्यायिक क्षेत्र में सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है।

धनबाद न्यायिक समाज में शोक की लहर

सतीश चंद्र झा के निधन से धनबाद बार एसोसिएशन और अधिवक्ताओं के बीच शोक की लहर फैल गई है। बार एसोसिएशन अध्यक्ष अमरेंद्र सहाय, महासचिव जीतेन्द्र कुमार, वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण कुमार सिंह, कामदेव शर्मा, राजदेव यादव, हुसैन हैकल, असीम कुमार लाल, सत्येश मणि सिंह, अनिल त्रिवेदी, रंजन कुमार, भास्कर सुमन, एकांत गोस्वामी समेत सैकड़ों न्यायविदों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की।

पत्रकारिता, शिक्षा और समाजसेवा जगत से भी श्रद्धांजलि

वरिष्ठ पत्रकार बनखण्डी मिश्र, पूर्व प्राध्यापक प्रो. टी.के. झा, राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर यूनियन के महामंत्री ए.के. झा, सेवानिवृत्त प्राचार्य नरोत्तम झा, समाजसेवी शुभंकर सुमन, एडवोकेट आशुतोष झा ‘सुमन’, सीए कुमार आनंद सहित समाज के विभिन्न वर्गों के गणमान्य लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। सभी ने उन्हें एक व्यवहारकुशल, प्रतिभासंपन्न अधिवक्ता और समर्पित समाजसेवी बताया।

आजीवन समाजसेवा में अग्रणी भूमिका

सतीश चंद्र झा का जीवन केवल वकालत तक सीमित नहीं था। उन्होंने समाजसेवा में भी बढ़-चढ़कर भागीदारी निभाई। गरीब, असहाय और जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए वे हमेशा तत्पर रहते थे। विभिन्न सामाजिक संगठनों से उनका जुड़ाव रहा और समाज सुधार में भी उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया।

एक युग का अंत

उनके निधन को धनबाद न्यायिक समाज में एक युग के अंत के रूप में देखा जा रहा है। वे उन विरले अधिवक्ताओं में गिने जाते थे जिन्होंने न सिर्फ कानून के दायरे में काम किया बल्कि समाज को न्याय और सेवा का सही मायने भी सिखाया।

परिवार की अपील

परिवार की ओर से सभी शुभचिंतकों और श्रद्धालुजनों से सोमवार को भागलपुर के बरारी घाट पर आयोजित अंतिम संस्कार में शामिल होकर अंतिम विदाई देने की अपील की गई है।

यादों में जीवित रहेंगे सतीश चंद्र झा

धनबाद के न्यायिक इतिहास में सतीश चंद्र झा का नाम हमेशा आदर और सम्मान के साथ लिया जाएगा। उनके योगदान और जीवन मूल्यों को समाज सदैव स्मरण करेगा। उनके जाने से उत्पन्न शून्य की पूर्ति संभव नहीं, लेकिन उनकी प्रेरणा आने वाली पीढ़ियों का मार्गदर्शन करती रहेगी।

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Author: The Mirchi News

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