



पटना: बिहार में महात्मा गांधी सेतु पर हाजीपुर से पटना जा रही एक यात्री बस में भीषण आग लग गई। इस घटना ने पुल पर अफरा-तफरी मचा दी। बस में सवार 40 से अधिक यात्रियों ने साहस और सतर्कता दिखाते हुए बस से कूदकर अपनी जान बचाई। हालांकि, आग लगने के कारण पुल पर यातायात पूरी तरह बाधित हो गया।
घटना का विवरण:
यह हादसा महात्मा गांधी सेतु के 14वें पिलर के पास हुआ। बताया जा रहा है कि बस में अचानक शॉर्ट-सर्किट हो गया, जिसके चलते आग लग गई। आग इतनी तेज थी कि कुछ ही मिनटों में पूरी बस धू-धूकर जलने लगी। बस में मौजूद यात्रियों ने समय रहते स्थिति को भांपते हुए खिड़कियों और दरवाजों से कूदकर अपनी जान बचाई।
अफरा-तफरी और यातायात बाधित:
आग की वजह से पुल पर अफरा-तफरी मच गई। आसपास मौजूद गाड़ियां रुक गईं, जिससे यातायात पूरी तरह से ठप हो गया। पुल के दोनों छोर पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।
फायर ब्रिगेड और पुलिस की कार्रवाई:
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची। हाजीपुर और पटना से दमकल की करीब आधा दर्जन गाड़ियां भेजी गईं। दमकल कर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। इस दौरान राहत और बचाव कार्य तेजी से चलाया गया।
घटना में कोई हताहत नहीं:
सदर एसडीपीओ ओमप्रकाश ने बताया कि इस हादसे में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। हालांकि, कुछ यात्रियों को बस से कूदने के दौरान मामूली चोटें आईं, जिन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया। बस पूरी तरह जलकर खाक हो गई।
आग लगने का कारण:
प्रारंभिक जांच में शॉर्ट-सर्किट को आग लगने का मुख्य कारण बताया जा रहा है। अधिकारियों ने कहा कि मामले की विस्तृत जांच की जा रही है। बस में सुरक्षा उपकरणों की कमी और शॉर्ट-सर्किट से आग लगने के संभावित कारणों को ध्यान में रखते हुए रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
यातायात बहाली:
घटना के बाद पुलिस ने यातायात को धीरे-धीरे बहाल किया। करीब एक घंटे तक पुल पर यातायात ठप रहा, जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
प्रशासन की अपील:
प्रशासन ने वाहन मालिकों और बस ऑपरेटरों से अपील की है कि वे अपने वाहनों की नियमित रूप से जांच कराएं, ताकि इस तरह की दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
महात्मा गांधी सेतु पर हुई यह घटना एक बड़े हादसे का कारण बन सकती थी, लेकिन यात्रियों की सतर्कता और प्रशासन की तत्परता से कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। हालांकि, इस घटना ने सार्वजनिक परिवहन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना होगा कि प्रशासन इस दिशा में क्या ठोस कदम उठाता है।
