



धनबाद के सरायढेला स्थित दुर्गा मंदिर परिसर में आज युवा आजसू पार्टी और आजसू पार्टी ने एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया। इस प्रेस कांफ्रेंस में बाघमारा क्षेत्र की हालिया घटनाओं पर गंभीर आरोप लगाए गए। पार्टी ने झारखंड सरकार, प्रशासन, और कथित गुंडा तत्वों पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए राज्य में अराजकता फैलाने का दावा किया।
प्रेस कांफ्रेंस का मुख्य बिंदु:
आजसू पार्टी ने अपने वक्तव्य में कहा कि बाघमारा स्थित गिरिडीह सांसद कार्यालय में हाल ही में आगजनी की घटना हुई, जो प्रशासन की उपस्थिति में अंजाम दी गई। साथ ही, सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी पर झूठा मुकदमा दायर कर उन्हें बदनाम करने की साजिश रची गई। पार्टी ने दावा किया कि यह हमला और मुकदमे की कार्रवाई राज्य सरकार और प्रशासन की शह पर की गई।
भूमि विवाद और हिल टॉप आउटसोर्सिंग कंपनी का मामला:
प्रेस कांफ्रेंस में यह भी बताया गया कि हिल टॉप आउटसोर्सिंग कंपनी द्वारा तीन गांवों के रैयतों की जमीन बिना मुआवजा और एग्रीमेंट के हड़पी जा रही है। इस पर सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने बीसीसीएल और कंपनी के जीएम से वार्ता की थी। वार्ता के दौरान यह निर्णय लिया गया था कि जब तक रैयतों को उचित मुआवजा नहीं दिया जाता, तब तक कंपनी का कोई भी काम बंद रहेगा।
घटनाक्रम में हिंसा और सरकार की भूमिका:
लेकिन, पार्टी के अनुसार, अगले ही दिन झारखंड मुक्ति मोर्चा के कथित नेता कारु यादव और उनके समर्थकों ने बीसीसीएल एवं आउटसोर्सिंग कंपनी की मदद से हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया। इस दौरान प्रशासन मूकदर्शक बना रहा और हमलावरों का साथ दिया।
आजसू पार्टी का विरोध प्रदर्शन:
इन घटनाओं के विरोध में आजसू पार्टी ने घोषणा की है कि 13 जनवरी, सोमवार को रणधीर वर्मा चौक पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया जाएगा। यह प्रदर्शन राज्य सरकार की उदासीनता, प्रशासन की निष्क्रियता और रैयतों के अधिकारों की अवहेलना के खिलाफ होगा।
प्रेस कांफ्रेंस के अंत में आजसू पार्टी के नेताओं ने स्पष्ट किया कि जब तक रैयतों को उनकी जमीन का उचित मुआवजा नहीं दिया जाता और दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती, पार्टी का आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने राज्य सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
बाघमारा की यह घटना राज्य के राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य में हलचल मचाने वाली है। अब यह देखना होगा कि राज्य सरकार और प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाते हैं।
