पहले भाषण में गरजे जयराम महतो, विधानसभा में उठाए कई ज्वलंत मुद्दे, स्पीकर भी रह गए हैरान

झारखंड के छठे विधानसभा का पहला सत्र चर्चा और मुद्दों से भरपूर रहा। मंगलवार को नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण और विधानसभा अध्यक्ष के रूप में नाला विधायक रवींद्र नाथ महतो का चयन हुआ। लेकिन सत्र की सबसे बड़ी सुर्खी रहे डुमरी से नवनिर्वाचित विधायक जयराम महतो, जिन्होंने अपने पहले ही भाषण में राज्य के ज्वलंत मुद्दों को लेकर विधानसभा में गूंज पैदा कर दी।

पहला भाषण, गंभीर सवाल

जयराम महतो ने अपने भाषण में झारखंड सीजीएल परीक्षा के अभ्यर्थियों का मुद्दा जोर-शोर से उठाया। उनके सवालों और तेवरों ने न केवल विपक्ष बल्कि सत्ताधारी दल के नेताओं को भी सोचने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने कहा, “झारखंड के लाखों युवा अभ्यर्थी सड़कों पर हैं। ये युवा आपके बच्चे हैं, मुख्यमंत्री महोदय। उन्हें संतुष्ट करना और उनकी समस्याओं का निदान करना आपकी जिम्मेदारी है।”

छात्र आंदोलन से पहचान बनाने वाले जयराम का दर्द

जयराम ने अपने भाषण में बताया कि कैसे वह खुद छात्र आंदोलन के जरिए राजनीति में आए। उन्होंने कहा कि झारखंड के युवाओं की समस्याएं सुनने और हल करने के लिए सरकार को तुरंत कदम उठाने चाहिए। उनका यह बयान न केवल सदन में गूंजा, बल्कि विधानसभा के बाहर भी सुर्खियों में रहा।

कैमरून में फंसे मजदूरों का मुद्दा

जयराम महतो ने झारखंड के उन 45 मजदूरों की भी चर्चा की, जो अफ्रीकी देश कैमरून में फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा, “ये मजदूर अपने परिवार और राज्य से दूर कठिन परिस्थितियों में फंसे हैं। सरकार को इनकी सकुशल वापसी के लिए तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।” इस बयान ने सदन का ध्यान एक बार फिर झारखंड के मजदूरों की समस्या की ओर खींचा।

 

साधारण पहनावे में असाधारण बातें

जयराम महतो नंगे पांव विधानसभा पहुंचे, जो उनके सादगी भरे जीवन और गहरी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। जब उनसे इस पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, “जब तक मैं इस पवित्र सदन का सदस्य हूं, मैं नंगे पांव ही यहां प्रवेश करूंगा। यह मेरी श्रद्धा और सेवा का प्रतीक है।”

पहले दिन भी बने सुर्खी

सोमवार को शपथ ग्रहण के दौरान जयराम अपने टी-शर्ट वाले साधारण पहनावे और सदन को प्रणाम करने के अंदाज के कारण चर्चा में रहे। उनकी विनम्रता और जनता से जुड़ाव ने उन्हें जनता और मीडिया दोनों के बीच अलग पहचान दिलाई।

अध्यक्ष को धन्यवाद और मुद्दों की बरसात

जयराम महतो नवनिर्वाचित अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो को बधाई देने के लिए खड़े हुए थे, लेकिन इस दौरान उन्होंने एक के बाद एक राज्य के अहम मुद्दों को उठा दिया। उनके तेवर और वाक्पटुता ने विधानसभा को विचार-विमर्श का मंच बना दिया।

क्या बोले विशेषज्ञ?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जयराम महतो झारखंड के जमीनी नेताओं में से एक हैं, जिनकी राजनीति जनता के मुद्दों से शुरू होती है। उनका पहला भाषण उनकी इसी छवि को और मजबूत करता है।

मुद्दों की झलक

  1. सीजीएल परीक्षा का मुद्दा: लाखों छात्रों की समस्याओं को सरकार के सामने प्रमुखता से रखा।
  2. कैमरून में फंसे मजदूर: मजदूरों की सुरक्षित वापसी के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की।
  3. युवाओं का भविष्य: उन्होंने युवाओं के रोजगार और शिक्षा की समस्याओं पर सरकार को कठघरे में खड़ा किया।

जयराम महतो का पहला भाषण न केवल उनके राजनीतिक करियर का एक यादगार पल है, बल्कि झारखंड विधानसभा के इतिहास में भी इसे लंबे समय तक याद किया जाएगा। उनके तेवरों और मुद्दों को देखकर यह स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में वह झारखंड के राजनीतिक परिदृश्य में एक मजबूत और प्रभावशाली नेता के रूप में उभर सकते हैं।

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Author: The Mirchi News

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