धनबाद – झारखंड के धनबाद स्थित प्रतिष्ठित इंडियन स्कूल ऑफ माइंस (आईएसएम)-आईआईटी ने अपनी स्थापना के 99 वर्ष पूरे कर लिए हैं। इस ऐतिहासिक अवसर को चिह्नित करने के लिए सोमवार को संस्थान में एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
संस्थान की विरासत और योगदान
राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा, “आईएसएम-आईआईटी धनबाद केवल एक शैक्षणिक संस्थान नहीं, बल्कि यह राष्ट्र निर्माण में एक अमूल्य धरोहर है।” उन्होंने संस्थान के 99 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इसकी स्थापना 1926 में खनन प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्रांति लाने के उद्देश्य से की गई थी।
उन्होंने बताया कि यह संस्थान न केवल तकनीकी शिक्षा का केंद्र है, बल्कि यह नवाचार, सामाजिक जागरूकता और उद्योग विकास का दर्पण भी है। यहां से निकले छात्र-छात्राओं ने न केवल तकनीकी क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान दिया है, बल्कि राष्ट्र के विभिन्न सामाजिक और आर्थिक पहलुओं में भी अपनी छाप छोड़ी है।
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राष्ट्र निर्माण में आईएसएम की भूमिका
राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि आज जब भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वैश्विक शक्ति बनने की दिशा में अग्रसर है, तो ऐसे में आईएसएम-आईआईटी धनबाद जैसे संस्थानों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। उन्होंने कहा, “यह संस्थान न केवल तकनीकी ज्ञान का गढ़ है, बल्कि यह नवाचार और उद्यमशीलता के क्षेत्र में भी प्रेरणास्त्रोत है।”
उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे अपनी शिक्षा का उपयोग समाज और राष्ट्र की सेवा में करें। उन्होंने कहा, “आपका दायित्व है कि आप सामाजिक समस्याओं को समझें और उनके समाधान के लिए कार्य करें। एक विकसित भारत तभी संभव होगा, जब हम अपनी जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा और ईमानदारी से निभाएंगे।”
डिजिटल कैलेंडर का विमोचन और कार्यक्रम की झलकियां
इस अवसर पर राज्यपाल ने संस्थान का डिजिटल कैलेंडर लॉन्च किया। समारोह में कोल इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन पीएम प्रसाद, संस्थान के निदेशक प्रोफेसर सुकुमार मिश्रा, दुर्गापुर स्टील प्लांट के निदेशक प्रोफेसर बीपी सिंह, और अन्य प्रतिष्ठित अतिथि भी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में संस्थान के छात्रों और संकाय सदस्यों ने संस्थान के विकास और भविष्य के दृष्टिकोण पर आधारित प्रस्तुतियां दीं। संस्थान के छात्रों द्वारा तैयार किए गए एक डॉक्यूमेंट्री ने आईएसएम-आईआईटी धनबाद की 99 वर्षों की यात्रा को दिखाया, जिसमें इसके खनन शिक्षा के केंद्र से लेकर आधुनिक तकनीकी नवाचार के वैश्विक केंद्र बनने की कहानी को खूबसूरती से प्रस्तुत किया गया।
भविष्य की ओर
राज्यपाल ने अपने भाषण का समापन संस्थान के उज्ज्वल भविष्य के प्रति आशा व्यक्त करते हुए किया। उन्होंने कहा, “मुझे पूरा विश्वास है कि आईआईटी (आईएसएम), धनबाद न केवल राष्ट्रीय स्तर पर, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी पहचान बनाएगा। यह संस्थान आने वाले वर्षों में उत्कृष्टता के नए प्रतिमान स्थापित करेगा।”
99 वर्षों का गौरव, शताब्दी की ओर कदम
आईएसएम-आईआईटी धनबाद ने अपनी स्थापना के 99 वर्ष पूरे कर शताब्दी वर्ष की ओर कदम बढ़ा दिए हैं। यह न केवल झारखंड, बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का विषय है। संस्थान का यह सफर उन हजारों छात्रों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं की मेहनत का परिणाम है जिन्होंने इसे एक अद्वितीय शैक्षणिक केंद्र बनाया।
कार्यक्रम का समापन संस्थान के झंडे की परेड और राष्ट्रीय गान के साथ हुआ। संस्थान के निदेशक ने सभी अतिथियों, छात्रों और कर्मचारियों को इस यात्रा का हिस्सा बनने के लिए धन्यवाद दिया।
संस्थान के इतिहास और भविष्य की कहानी, राष्ट्र निर्माण की दिशा में इसकी प्रतिबद्धता को सलाम।