धनबाद के भूली स्तिथ इम्पीरियल स्कूल ऑफ लर्निंग में स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में एक खास कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर, भारतीय विदेश सेवा के शाहिद आलम ने स्कूल पहुँचकर अपने पुराने दिनों को याद किया।
शाहिद आलम ने स्कूल के प्रिंसिपल, शिक्षकों और छात्रों से मुलाकात की। उन्होंने अपने स्कूल के साथी और दोस्तों से मिलकर पुरानी यादें ताजा की।
इस मौके पर उन्होंने कहा, “यह स्थान मेरे लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहाँ से मेरे शिक्षा का सफर शुरू हुआ था। मैंने यहाँ से ही अपनी पढ़ाई की शुरुआत की थी और यहाँ के माहौल में मुझे सीखने का अद्भुत मौका मिला।”
स्कूल के प्रिंसिपल ने भी शाहिद आलम का स्वागत किया और उनके अद्वितीय करियर की सफलता पर गर्व व्यक्त किया।
इस स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में आयोजित की गई सामाजिक और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने छात्रों को देश के स्वतंत्रता संग्राम के महत्वपूर्ण पहलुओं के प्रति जागरूक किया।
इस उपलक्ष्य में शाहिद आलम ने स्कूल में आयोजित किए गए कार्यक्रम को सराहा और छात्रों को उनके भविष्य के लिए आत्मनिर्भर बनने की सलाह दी।
आपको बता दे कि वासेपुर के रहने वाले मोहम्मद शाहिद आलम भारतीय विदेश सेवा के 2010 बैच के कैरियर डिप्लोमेट हैं। वह 2010 की संघ लोक सेवा परीक्षा के टॉपर्स में से थे। उन्होंने 1998 में इंपीरियल स्कूल ऑफ लर्निंग से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की, जिसने उनके करियर की आकांक्षाओं को आकार देने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने जामिया मिलिया विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से ‘भूगोल’ में स्वर्ण पदक के साथ स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की।
वह विदेश मंत्रालय, नई दिल्ली में कार्यरत हैं। उन्होंने मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात, इराक, चीन, ताजिकिस्तान, स्विट्जरलैंड (जिनेवा) और सऊदी अरब सहित कई देशों में सेवाएँ प्रदान की। भारतीय दूतावास सऊदी अरब के जेद्दाह में कॉन्सुलेट्स जेनेरल के रूप में उन्होंने हाल ही में संपन्न हज यात्रियों को सुविधा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई! हाल ही में सूडान से भारतीयों को निकालने के लिए चलाए गए ऑपरेशन कावेरी में उनके काम को काफी सराहना मिली है।