



मटकुरिया शमशान घाट में समस्याओं का अम्बार
अंतिम यात्रा में भी लोगों को उठानी पड़ती है दिक्कतें
सीढ़ी टूट गया, शेड भी हुआ जर्जर, चिता का भी है खस्ताहाल
वर्ष 2019 में हुआ था जीर्णोद्धार
धनबाद : मटकुरिया स्थित शमशान घाट में समस्या ही समस्या मुंह बाये खड़ी है। अंतिम संस्कार में पहुंचने वाले लोगों को समस्याओं से दो चार होना पड़ता है। शमशान की देख रेख करने वाले जमुना और कल्लु राम की मानें तो यहां की समस्याओं को लेकर नगर आयुक्त और स्थानीय विधायक को भी बताया गया है लेकिन अब तक इस ओर कोई पहल नहीं की गई है।
चिता स्थल का भी है खस्ता हाल : वर्ष 2019 में मटकुरिया शमशान घाट का सौंदर्यीकरण किया गया था। लेकिन वक्त गुजरने के साथ ही रख रखाव के अभाव में यहां की हालत बदतर हो गई। आलम यह है कि जिस चिता पर अंतिम संस्कार किया जाता है वो भी टूट फूट गया है। जिस कारण दाह संस्कार के समय शव नीचे चला जाता है। जिससे अंतिम संस्कार में काफी दिक्कत होती है।
टूटे फूटे सीढ़ी, गिर रहे हैं लोग : शमशान की देख रेख करने वाले जमुना व कल्लू डोम ने बताया कि घाट के सौंदर्यीकरण के कुछ साल के बाद ही सीढ़ी टूट फुट गया है। जिस कारण अंतिम संस्कार में यहां पहुंच रहे लोग गिर कर जख्मी हो रहे है। बरसात में लोगों को और भी दिक्कतें होती है।
टंकी वाटर कूलर भी है, फिर भी पीने का पानी नही : शमशान घाट में आने वाले लोगों को पीने के पानी का भी मुक्कमल व्यवस्था की गई थी। इसके लिए बकायदा पानी की टंकी और वाटर कूलर भी लगाया गया था। एक कुआं भी है जो बेकार पड़ा है। लेकिन देख रेख के अभाव में सभी उपकरण खराब पड़ा है। अब हालात यह है की शमशान पहुंचने वाले लोगों को पीने का पानी खरीद कर पीना पड़ता है।
आज तक जेनरेटर नहीं हुआ चालू, बैटरी की चोरी : शमशान घाट में लाइट भी लगाया गया था। लाइट के लिए साइलेंट जेनरेटर भी लगाया गया था। लेकिन आज तक जेनरेटर चालू भी नहीं हुआ था। देख रेख करने वालों की मानें तो जेनरेटर का बैटरी भी चोरी हो गया है। घाट में लगाए गए पंखा भी ज्यादातर खराब पड़ा है।
मैं कराउंगा मरम्मती के कार्य और सीढ़ी का निर्माण : मुख्तार खान
टीएमसी नेता सह समाजसेवी मुख्तार खान ने कहा की शमशान घाट की दुर्दशा को देख मुझे बहुत दुख हुआ। जहां एक ओर सीढ़ी, चिता शेड टूट चुकी है तो दुसरी ओर कई अव्यवस्थाएं भी देखने को मिल रही हैं। आश्चर्य और दुर्भाग्य की बात यह है की कोई भी जनप्रतिनिधि इसकी सुद्धि लेने वाला नहीं है जबकि सभी लोग किसी ना किसी की शव यात्रा मे शमशान आते ज़रूर हैं। यदि संबंधित विभाग अथवा जनप्रतिनिधि ने इस मामले मे शीघ्र पहल नहीं की तो मैं अपने निजी खर्चे से कराउंगा मरम्मती के कार्य और सीढ़ी का निर्माण।
