पत्रकारों पर हमले के आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने से नाराज़ पत्रकारों का उबाल

24 अप्रैल को समाहरणालय के समक्ष देंगे धरना, प्रेस क्लब ने उठाए पुलिस पर सवाल

धनबाद में 16 अप्रैल को पत्रकारों पर हुए हमले के बाद अब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने से जिले के पत्रकारों में गहरा आक्रोश है। इस घटना के विरोध में धनबाद प्रेस क्लब ने रविवार को गांधी सेवा सदन में एक अहम बैठक की, जिसमें आगामी 24 अप्रैल को समाहरणालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन का निर्णय लिया गया।

बैठक की अध्यक्षता कर रहे प्रेस क्लब के महासचिव अजय प्रसाद ने कहा कि पत्रकारों पर हुए हमले को लेकर प्रशासन की ढिलाई चिंताजनक है। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा,
“अगर दोषियों की शीघ्र गिरफ्तारी नहीं हुई, तो गुरुवार को समाहरणालय के समक्ष जिले भर के पत्रकार धरना देंगे।”

उन्होंने सभी पत्रकारों से एकजुट होकर लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की रक्षा के लिए आगे आने का आह्वान किया। प्रेस क्लब पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि प्रशासन की ओर से इस मामले में गंभीरता की कमी दिखाई दे रही है, जो स्वतंत्र पत्रकारिता के लिए खतरे की घंटी है।

क्या हुआ था 16 अप्रैल को?

ज्ञात हो कि 16 अप्रैल को रंधीर वर्मा चौक पर धनबाद जिला कांग्रेस कमिटी के कार्यकारी अध्यक्ष राशिद रज़ा अंसारी, उनके पुत्र और भाई का कांग्रेस के एक अन्य गुट से आपसी झगड़ा हो गया था। जब मौके पर पहुंचे पत्रकारों ने इस विवाद की मौके से रिपोर्टिंग शुरू की, तो नेता पक्ष बौखला गया और कथित तौर पर पत्रकारों पर हमला कर दिया।

हमले के दौरान पत्रकारों के मोबाइल फोन छीने गए, उन्हें गालियाँ दी गईं, और शारीरिक रूप से अपमानित किया गया। इस पूरे घटनाक्रम की एफआईआर दर्ज की जा चुकी है, बावजूद इसके अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।

पुलिस की भूमिका पर उठे सवाल

प्रेस क्लब के सदस्यों ने बैठक में पुलिस की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए। पत्रकारों का कहना है कि घटना को कई दिन बीत चुके हैं, पर पुलिस अब तक किसी को गिरफ़्तार नहीं कर सकी है।
“यह प्रशासन की निष्क्रियता और राजनीतिक दबाव में काम करने का संकेत है,” एक वरिष्ठ पत्रकार ने कहा।

बैठक में मौजूद सभी पत्रकारों ने इस हमले की निंदा की और इसे लोकतंत्र पर हमला बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि प्रशासन ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की, तो पत्रकार समाज सड़कों पर उतरकर अपना विरोध दर्ज कराएगा।

धरने को लेकर व्यापक तैयारियाँ

24 अप्रैल को समाहरणालय के समक्ष होने वाले धरने को लेकर तैयारियाँ शुरू कर दी गई हैं। प्रेस क्लब ने सभी पत्रकारों को एकजुट होकर इस धरने में शामिल होने को कहा। इस प्रदर्शन को “पत्रकार सुरक्षा और सम्मान” का मुद्दा बनाकर आगे बढ़ाया जाएगा।

अजय प्रसाद ने कहा,
हम न सिर्फ अपने अधिकार की बात कर रहे हैं, बल्कि पत्रकारिता की गरिमा की रक्षा की बात कर रहे हैं। अगर आज हम चुप रहे, तो कल लोकतंत्र का हर स्तंभ दबा दिया जाएगा।”

पत्रकारों की एकजुटता बनी शक्ति

बैठक में दर्जनों पत्रकार शामिल हुए जिन्होंने एक स्वर में इस घटना की निंदा की और प्रेस क्लब के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन के लिए समर्थन व्यक्त किया। सभी ने इस बात पर बल दिया कि पत्रकारों की एकजुटता ही उनकी सबसे बड़ी ताकत है, और इस हमले के खिलाफ एकजुट होकर आवाज़ उठाना वक्त की ज़रूरत है।

पत्रकारों पर हमला केवल एक पेशेवर समुदाय पर नहीं, बल्कि लोकतंत्र की नींव पर प्रहार है। धनबाद प्रेस क्लब के इस कदम से एक बार फिर यह संदेश गया है कि जब बात स्वतंत्रता और सम्मान की हो, तो पत्रकार चुप नहीं बैठते। अब देखना यह है कि प्रशासन इस चेतावनी को कितनी गंभीरता से लेता है और कार्रवाई कब तक होती है।

The Mirchi News
Author: The Mirchi News

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