धनबाद:— झरिया धर्मशाला रोड स्थित मातृ सदन अस्पताल में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां सीजर ऑपरेशन के बाद एक महिला की मौत हो गई। मृतका की पहचान झरिया चौथाई कुल्ही निवासी 27 वर्षीय राखी देवी के रूप में हुई है। इस घटना के बाद परिजनों और स्थानीय लोगों ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया।
घटना का विवरण
राखी देवी की शादी 2023 में बिहार के आरा निवासी श्रीकांत सिंह से हुई थी। गर्भवती होने के बाद से ही राखी का इलाज झरिया के मातृ सदन अस्पताल में चल रहा था। रविवार की रात, सीजर ऑपरेशन के माध्यम से राखी ने एक बच्चे को जन्म दिया। लेकिन, प्रसव के तुरंत बाद उसकी हालत बिगड़ने लगी।
सोमवार की रात करीब 10:30 बजे, राखी की हालत नाजुक होने पर अस्पताल प्रबंधन ने उसे असर्फी अस्पताल रेफर कर दिया। परिजन जब तक राखी को वहां लेकर पहुंचे, तब तक डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
परिजनों का आरोप
मृतका के पिता संजय सिंह ने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के कारण उनकी बेटी की जान गई। उन्होंने कहा,
“राखी को पहले से ही हृदय रोग था, और अस्पताल को इसकी जानकारी थी। इसके बावजूद, उन्होंने सही तरीके से ध्यान नहीं दिया। अगर समय रहते सही इलाज मिलता, तो आज मेरी बेटी जिंदा होती।”
अस्पताल प्रबंधन का पक्ष
वहीं, अस्पताल प्रबंधन ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया। अस्पताल के एक अधिकारी ने बयान दिया कि,
“राखी देवी की हालत पहले से ही गंभीर थी। वह हृदय रोग से पीड़ित थीं। हमने अपने स्तर पर पूरी कोशिश की, लेकिन दुर्भाग्यवश उन्हें नहीं बचाया जा सका।”
अस्पताल परिसर में हंगामा
राखी की मौत की खबर सुनते ही परिजन और स्थानीय लोग मंगलवार सुबह मातृ सदन अस्पताल पहुंचे और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। उन्होंने अस्पताल के खिलाफ नारेबाजी की और दोषी डॉक्टरों पर कार्रवाई की मांग की।
स्थिति बिगड़ने पर अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने समझाइश के बाद भीड़ को शांत कराया।
उठते सवाल
इस घटना के बाद कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं:
- क्या अस्पताल प्रबंधन ने प्रसव के बाद राखी देवी के इलाज में लापरवाही बरती?
- क्या राखी की मौत हृदय रोग के कारण हुई, या प्रसव के दौरान हुई किसी गलती का परिणाम है?
- क्या अस्पताल में हृदय रोग जैसी गंभीर स्थिति को संभालने के लिए पर्याप्त सुविधाएं थीं?
- पुलिस और प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करेंगे?
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
घटना के बाद स्थानीय लोगों में भी आक्रोश देखा गया। एक स्थानीय निवासी ने कहा,
“यह कोई पहली घटना नहीं है। इस अस्पताल में पहले भी लापरवाही के मामले सामने आ चुके हैं। लेकिन आज तक किसी के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं हुई।”
पुलिस की जांच
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है, और रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के असली कारण का खुलासा हो सकेगा। पुलिस ने अस्पताल प्रबंधन से भी पूछताछ की है और परिजनों के बयान दर्ज किए हैं।
स्वास्थ्य विभाग की भूमिका
इस घटना ने एक बार फिर निजी अस्पतालों की कार्यप्रणाली और मरीजों की देखभाल पर सवाल खड़े कर दिए हैं।