



त्रैमासिक उर्दू पत्रिका ” आलमी फलक ” के ‘शमोएल अहमद नम्बर’ का विमोचन डॉ सफदर इमाम क़ादरी ( पाटलिपुत्र युनिवर्सिटी पटना) के हाथों वासेपुर बाईपास स्थित किड्स कैम्पस में किया गया।
पत्रिका के सम्पादक एवं शायर अहमद निसार ने बताया कि नये अंक 11-12 में अब्दुस्समद, मुश्ताक अहमद नूरी, सैय्यद अहमद क़ादरी, इज़हार खिज्र, सलीम अंसारी, प्रोफेसर इंतेखाब हामिद, प्रोफेसर असलम जमशेदपुरी, डॉ इशरत बेताब, इक़बाल हसन आजाद, डॉ हुमायूं अशरफ़, डॉ सरवर हुसैन, मो० ग़ालिब नश्तर आदि जैसे नामवर कलमकारों की रचनाओं को शामिल किया गया है! यह अंक कथाकार शमोएल अहमद को समर्पित है।
बिहार के भागलपुर में जन्मे शमोएल अहमद ने पांच नाविल लिखे हैं “नदी”, “महामारी”, “ऐ दिल-ए- आवारा”, “गिरदाब” और “चमरा सुर” कथा संग्रह में “बगोले” ” सिंगारदान” ” अलक़मबूस की गर्दन” ” अनकबूत” नमलूस का गुनाह ” और “कुचा-ए-क़ातिल की तरफ़” प्रकाशित हैं।
इन में से लगभग किताबें पाकिस्तान से भी प्रकाशित हुई हैं! इनके बहुत सारे अफसानों और नाविलों ने साहित्य जगत में बहुत धूम मचाई जिसमें “सिंगारदान” “लुंगी” “प्रोफेसर का हरम”, नाविल “नदी” ” महामारी” और “चमरा सुर” उल्लेखनीय हैं।
कथाकार शमोएल अहमद की कहानियों, नाविलों को हिन्दुस्तान, पाकिस्तान के साथ पूरे उर्दू संसार में सराहा गया है! यही कारण है कि “आलमी फलक” के इस अंक को वर्ल्ड व्यू पब्लिशर्स, लाहौर, पाकिस्तान ने भी प्रकाशित करने का एलान किया है। “आलमी फलक” ‘शमोएल अहमद नम्बर’ के मेहमान संपादक डॉ सरवर हुसैन और उप संपादक आफ़रीन फातमा ने इस अंक को यादगार बनाने का हर संभव प्रयास किया है।
मौक़े पर विनोद बिहारी कोयलांचल युनिवर्सिटी के डॉ मौसूफ अहमद, डॉ आलमगीर साहिल, डॉ मोहम्मद सेराजुल्लाह ( उप संपादक दैनिक क़ौमी तंज़ीम), मोहम्मद अमानुल्लाह अन्सारी, शोएब अन्सारी और आदिल अंसारी मौजूद थे!
