अल्पसंख्यकों पर अत्याचार से मानवता शर्मसार: मुख्तार अहमद

धनबाद: टीएमसी झारखंड अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष मुख्तार अहमद ने बंग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने इस विषय पर एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि इन घटनाओं ने न केवल उन्हें व्यक्तिगत रूप से आहत किया है, बल्कि पूरी मानवता को शर्मसार किया है।

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार

मुख्तार अहमद ने अपनी विज्ञप्ति में बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के खिलाफ हो रही हिंसा और अन्यायपूर्ण घटनाओं को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय पर किसी भी प्रकार का अत्याचार न केवल उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि यह मानवता के खिलाफ एक संगीन अपराध है।

उन्होंने इस मामले में भारत सरकार से तुरंत हस्तक्षेप करने और इस विषय को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाने की मांग की। मुख्तार अहमद ने कहा, “अल्पसंख्यकों पर अत्याचार किसी भी देश की लोकतांत्रिक और नैतिक मूल्यों की विफलता का प्रतीक है। यह केवल उस देश को ही नहीं, बल्कि वैश्विक मानवाधिकारों की प्रणाली को भी कमजोर करता है।”

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ठोस कदम उठाने की आवश्यकता

मुख्तार अहमद ने जोर देकर कहा कि अल्पसंख्यकों के साथ होने वाले अत्याचारों को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एकजुट होना चाहिए। उन्होंने कहा कि केवल बयानबाजी से समाधान नहीं होगा, बल्कि इस गंभीर मुद्दे के लिए ठोस और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, “अगर आज बांग्लादेश में यह समस्या हो रही है, तो कल यह किसी और देश में हो सकती है। ऐसे में एकजुट होकर मानवता के हित में कार्य करना ही सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए।”

अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए भारत की भूमिका

भारत की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए मुख्तार अहमद ने कहा कि भारत, जो कि सबसे बड़े लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष देशों में से एक है, उसे इस मुद्दे पर पहल करनी चाहिए। उन्होंने कहा, “भारत ने हमेशा कमजोर और पीड़ित वर्ग के साथ खड़े होकर अपने मानवीय दृष्टिकोण को दर्शाया है। यह समय है कि भारत सरकार बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ कड़े कदम उठाए और इसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाए।”

टीएमसी की प्रतिबद्धता

टीएमसी झारखंड अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष ने यह भी बताया कि उनकी पार्टी हमेशा अल्पसंख्यकों के अधिकारों और सुरक्षा के लिए काम करती रही है। उन्होंने कहा, “टीएमसी यह सुनिश्चित करेगी कि इस मामले को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रभावी ढंग से उठाया जाए।”

मानवता के लिए अपील

मुख्तार अहमद ने अपने वक्तव्य में कहा कि यह समय एकजुट होकर मानवता के पक्ष में खड़े होने का है। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों और आम नागरिकों से अपील की कि वे इस मुद्दे को गंभीरता से लें और अल्पसंख्यकों के अधिकारों और उनकी सुरक्षा के लिए अपनी आवाज उठाएं।

उन्होंने कहा, “दुनिया के किसी भी कोने में मानवता के खिलाफ होने वाली घटनाएं केवल एक समुदाय की समस्या नहीं होतीं, बल्कि यह पूरी मानव जाति की असफलता का प्रतीक होती हैं। इसे रोकने के लिए हम सभी को साथ आना होगा।”

सार्वजनिक समर्थन की मांग

मुख्तार अहमद ने जनता से अपील करते हुए कहा कि वे इस विषय पर जागरूकता फैलाएं और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करें। उन्होंने कहा कि मानवता तभी बचेगी जब हम सभी मिलकर इसके लिए प्रयास करेंगे।

मुख्तार अहमद का यह बयान समाज में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अन्याय और अत्याचार के प्रति एक सशक्त संदेश है। उनके अनुसार, बांग्लादेश में हो रहे इन घटनाओं को रोकने के लिए भारत और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। यह केवल अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का मामला नहीं है, बल्कि यह पूरी मानवता की गरिमा को बचाने का सवाल है।

The Mirchi News
Author: The Mirchi News

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